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मॉस्को3 मिनट पहले
कॉपी लिंकभारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज कर रही है। -प्रतीकात्मक फोटो
रूस में बनी वैक्सीन स्पुतनिक वी ट्रायल के दौरान कोरोना से लड़ने में 95% असरदार साबित हुई है। क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे अंतरिम एनालिसिस के डेटा में यह बात सामने आई है। पहला डोज देने के 28 दिन बाद इस वैक्सीन ने 91.4% इफेक्टिवनेस दिखाई थी। पहले डोज के 42 दिन बाद यह बढ़कर 95% हो गई।
वैक्सीन को बनाने वाले गैमेलिया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी ने यह दावा किया है। वैक्सीन के दो डोज 39 संक्रमितों के अलावा 18,794 दूसरे मरीजों को दिए गए थे। भारत में इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज कर रही है।
मंगलवार को इस वैक्सीन की कीमत भी सामने आ गई है। रूस के लोगों को यह फ्री में मिलेगी। दुनिया के दूसरे देशों के लिए इसकी कीमत 700 रुपये से कम होगी। विदेश में वैक्सीन के प्रोडक्शन और प्रमोशन का काम देख रहे रशियन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के हेड किरिल दिमित्रिएव ने बताया कि स्पुतनिक वी की संभावित कीमत दूसरी वैक्सीन के मुकाबले काफी कम है।
दूसरी वैक्सीन के मुकाबले काफी सस्ती
RDIF की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इंटरनेशनल मार्केट के लिए स्पुतनिक वी वैक्सीन के एक डोज की कीमत 10 डॉलर (740 रुपये) से कम होगी। वैक्सीन के दो डोज लेने होंगे। mRNA तकनीक से बनी दूसरी वैक्सीन के मुकाबले यह कीमत दो से तीन गुना कम है। RDIF ने दूसरे देशों के पार्टनर्स के साथ 2021 में पांच अरब से ज्यादा वैक्सीन बनाने का करार किया है।
2 से 8 डिग्री सेल्सियस में स्टोरेज मुमकिन
RDIF और उसके पार्टनर्स वैक्सीन का सूखा डोज तैयार कर रहे हैं। यह वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी सुरक्षित रहेगी। इस वजह से इंटरनेशनल मार्केट में इसके डिस्ट्रीब्यूशन में काफी आसानी हो जाएगी। साथ ही इसे दूरदराज वाली जगहों पर पहुंचाना भी आसान होगा। इनमें गर्म तापमान वाले देश भी शामिल हैं।
जनवरी में पहली डिलिवरी होगी
इस वैक्सीन की पहली डिलिवरी अगले साल जनवरी में हो जाएगी। वहीं, जिन दूसरे देशों ने इसके लिए गुजारिश की है कि उन्हें इसका पहला बैच मार्च 2021 की शुरुआत से मिलने लगेगा।
अब तक कोई साइड इफेक्ट नहीं
वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में 40 हजार वॉलंटियर हिस्सा ले रहे हैं। 22 हजार वॉलंटियर्स को पहला डोज दिया गया। 19 हजार से ज्यादा लोगों को पहला और दूसरा दोनों डोज दिए गए। उनमें अब तक खतरे वाली कोई बात सामने नहीं आई है। वॉलंटियर्स की मॉनिटरिंग अब भी जारी है।
ये वैक्सीन 90% से ज्यादा कारगर
इतनी होगी कीमत